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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में ना ड्रेस पर रोक, ना शराब पर ना मीट खाने पर

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में एक ऐसा बदलाव हुआ जो विश्वविद्यालय के 101 साल के इतिहास में नहीं हुआ। एक महिला को पहली बार यूनिवर्सिटी का चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है। रोयोना सिंह का नाम ही फ्रांस के एक शहर के नाम पर है। उनका जन्म भी यूरोप में ही हुआ था।

मैं खुद विदेश घूमती रहती हूं। लड़कियों को ये बताना कि उनका पहनावा कैसा हो ठीक नहीं है। अगर मैंने उनके ड्रेस पर बंदिश लगाई तो ऐसा लगेगा जैसे में खुद पर भी बंदिश लगा रही हूं।

रोयोना सिंह,चीफ प्रॉक्टर,बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी

रोयोना सिंह ने चार्ज लेते ही कहा, लड़कियों पर किसी तरह की बंदिश नहीं लगेगी।आप अपना दिन सुबह साढ़े 6 बजे शुरू करते हैं और रात साढ़े 10 बजे तक काम करते हैं, ऐसे में अगर आप इतना भी नहीं तय कर पाएं कि आप क्या पहन सकते हैं तो यो शर्मनाक है। मुझे आश्चर्य होता है जब लड़के कहतै हैं कि उस लड़की ने छोटे कपड़े पहने हैं। अगर किसी लड़की को कोई परेशान नहीं है तो लड़की क्या पहने इससे लड़कों को दिक्कत क्यों?

इसके बाद चीफ प्रॉक्टर रोयोना सिंह ने बताया कि बीएचयू में लड़कियों को आज़ादी होगी। मेस में मांसाहारी खाना भी मिलेगा और लड़कियों पर शराब पीने पर रोक  लगाने जैसी खबरें भी बेबुनियाद है। बीएचयू ऐसे कोई नियम नहीं बनाएगा। उन्होंने कहा बीएचयू में पढ़ने वाली सभी लड़कियां 18 साल से ज्यादा उम्र की हैं, हम क्यों उन पर ऐसी कोई सोच लादें।

रोयोना बीएचयू में एनेटोमी की प्रोफेसर हैं। 1980 से 1990 के बीच में वो फ्रांस के शहर रोयान में पली बढ़ीं। बीएचयू में शाम के बाद लड़कियों के हॉस्टल से बाहर निकलने पर हंगामा हुआ था। लड़कियों ने शिकायत की थी कैंपस के बाहर से आए लड़कों ने उनके सात बदसलूकी की और जब वार्डन से शिकायत कि तो उस वार्डन ने उल्टे लड़कियों को ही मोरल लैक्चर देना शुरू कर दिया और कहा कि शाम 6 बजे के बाद वो हॉस्टल से निकली ही क्यों? नई प्रॉक्टर रोयोना ने कहा कि लड़कियों पर रोक नहीं होगी, वो कैंपस में जहां चाहें घूम सकती हैं।

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